नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का युवा नेता जो रहते हैं देश के सबसे कीमती घर में।
सोने चाँदी से जड़े हुए हैं 400 कमरों की दीवार, ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल की कीमत है 4000 करोड़ रुपए
भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीति में काफी अनुभव एवं नाम है। इससे पहले यह कॉंग्रेस पार्टी के सदस्य थे। लेकिन इन्होंने कॉंग्रेस छोड़ करके के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया।
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का ताल्लुक ग्वालियर के राज घराने से है। इनके पिता श्री माधवराव सिंधिया कांग्रेस पार्टी के बहुत ही वफादार एवं कट्टरवादी नेता थे। आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर रियासत के आखरी महाराज जीवाजी राव सिंधिया के होते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्तमान में ग्वालियर रियासत के युवराज हैं। इन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में काफी धन संपदा और वैभव मिला है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पूरे परिवार के साथ जय विलास महल में रहते हैं। इस आलीशान राजभवन के एक मालिक ज्योतिराज सिंधिया है। आपको बता दें कि यह राज भवन 1974 में ग्वालियर के महाराज जीवाजी राव सिंधिया अली शाह बहादुर के द्वारा निर्मित करवाया गया था। आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस महल की कीमत 4000 करोड़ रुपए से भी अधिक है इसमें काफी भव्य सजावट के साथ-साथ शानदार कलाकृतियां है।
इसका निर्माण 1874 वर्षों पहले हुआ था। लेकिन अब भी इसकी शानो शौकत में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है। यह महल 1200000 वर्ग फुट में विस्तृत है । और देखने में काफी शानदार है इस महल में 400 से भी अधिक कमरे बने हुए हैं ।बता दे की जय विलास महल सिंधिया राजघराने के लिए निवास स्थान के साथ-साथ देश के लिए एक भव्य संग्रहालय के तौर पर भी काफी फेमस है।
इस महल के 30 से भी अधिक कमरों में संग्रहालय निर्मित किया गया है। यहां ज्यादातर इटालियन कला देखने को मिलती है ।इसके अलावा इटली , फ्रांस, चीन तथा अन्य कई देशों से मंगवाई गई दुर्लभ कलाकृतियां यहां सजावट के तौर पर स्थापित है।
आपको बता दें कि इस महल को आम लोगों के लिए सन 1964 में देखने की अनुमति दे दी गई थी। इस महल के दरबार हॉल में इसकी भव्यता का इतिहास मौजूद है । यहां के संग्रहालय में हजारों टन के झूमर लगे हैं । इन झुमरों के बारे में यह कहा जाता है कि इन्हें टांगने से पहले 10 हाथियों को छत पर चढ़ा करके छत की मजबूती की जांच की गई थी।
चांदी की रेल जय विलास महल में मौजूद इस संग्रहालय में चांदी की रेल भी है जो कि सभी के लिए एक आकर्षण का केंद्र है । विशेष तौर पर जो लोग यहां घूमने के लिए आते हैं वह इससे काफी आकर्षित होते हैं।
इस ट्रेन की पटरियाँ डाइनिंग टेबल पर फैली हुई है। विशिष्ट दावत के मौके पर यह ट्रेन इन्हीं पार्टियों के द्वारा मेहमानों को भोजन परोसने के लिए उनके सामने से गुजरती है। भारत का यदि कोई व्यक्ति महल घूमने के लिए जाता है तो उसे ₹100 का टिकट लेना पड़ता है। वही किसी विदेशी पर्यटक के लिए यह टिकट का मूल्य ₹800 है।आपको बता दें कि इस महल को वेल्स के राजकुमार किंग एडवर्( सिक्स्थ) के आलीशान एवं भव्य स्वागत के लिए निर्मित करवाया गया था। उसके बाद यह महल सिंधिया राजवंश का निवास स्थान बन गया। इस महल को आज भी उसी तरह रखा गया है, जैसे यह बना था। इसके पीछे का कारण है कि सामान्य जनता भी इस महल का वही रूप देख सके जिस रूप में से निर्मित किया गया था।
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